सोनिया गांधी की कुछ ऐसी तस्वीरें, जिसे देख आपके भी होश उड़ जायेंगे…
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी किसी ना किसी वजह से सुर्ख़ियों में रहती आई है. सोनिया गाँधी के बारे में ऐसी बहुत सी बातें है जिसे सब अनजान है. आज हम आपको कुछ ऐसी बाते बाटेंगे जो आज तक आपने कभी नहीं सुना होगा या पढ़ा होगा.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता मानी जाती है. सोनिया गाँधी का जीवन और राजनातिक जीवन दोनों ही काफी परेशानियों भरा रहा है. इतनी परेशानियों के बावजूद सोनिया गांधी हमेशा से ही कांग्रेस पार्टी को एक जुट लेकर चलना चाहती है लेकिन कुछ समय पहले तक वो ऐसा करने में सफल रही थी लेकिन कुछ समय बाद उनकी यह कामयाबी नाकामयाबी में बदलती देखाई दे रही है.
सोनिया गांधी का जन्म 9 दिसंबर 1946 इटली के लुसिआना में हुआ था.सोनिया गाँधी का असली नाम सोनिया नहीं बल्कि एंटोनिआ एडविज मैनो था. जब भारत सरकार ने सोनिया गांधी को नागरिकता दिया उसके बाद उन्होंने अपना नाम एंटोनिआ एडविज मैनो से बदलकर सोनिया गांधी रख लिया था. सोनिया गांधी के पिता का नाम स्टेफनो मैनो था. धर्म से सोनिया रोमन कैथोलिक थी लेकिन गांधी परिवार में शादी होने के चलते उन्हे हिन्दू धर्म अपनाना पड़ा. भारत में आने से पहले सोनिया गांधी राजनीति से जुडी थी और एक सामाजिक कार्यकर्ता थी.
राजीव गाँधी की सोनिया गाँधी से पहली मुलाकात कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में हुई थी. पढाई के दौरान दोनों के एक दूसरें से प्यार हो गया जिसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला ली. दोनों ने हिन्दू रीति-रिवाज से शादी कर ली थी. कुछ सालों बाद उनको एक बेटी हुई जिसका नाम प्रियंका रखा गया. राजनीति से ताल्लुक रखने के बावजूद सोनिया गांधी लम्बे समय तक भारत की राजनीति से दूर रही.
बताया जाता है कि इंद्रा गांधी के छोटे बेटे राजीव गांधी राजनीति में कदम नहीं रखना चाहते थे शायद यही बड़ी वजह थी कि उनकी पत्नी सोनिया गांधी भी शादी के कुछ समय बाद तक राजनीति में नहीं आई थी. लेकिन राजीव गांधी के बड़े भाई संजय की अचानक मृत्यु के बाद राजीव को मजबूरी में राजनीति में कदम रखना पड़ा. कुछ समय बाद जब राजीव गांधी की हत्या कर दी गयी तो इन सब घटनाओं से आहत होकर सोनिया गांधी अपने देश इटली वापिस चली गयी थी.
कांग्रेस पार्टी के राजनीति में डगमगाने के बाद सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी की कमान संभाली और एक अच्छे लीडर के तौर पर अपना सफर जारी रखते हुए कांग्रेस पार्टी की डोर संभाल ली. साथ ही साथ उन्होंने अभी तक पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी को मजबूती से सभाल रखा है.